नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है। ओंकार और मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY पर आपका फिर से एक बार स्वागत है। दोस्तों इस वेबसाइट पर हम स्पेस नॉलेज से रिलेटेड भी कई पोस्ट हम अपलोड करते है। जो कि कई सारे यूजर को पसंद आते है। आपने कई बार यह सुना होगा कि कोई स्पेस मिशन स्पेस में भेजा गया है या उसके फायदे उस देश को होंगे। पर कितने फायदे उस देश को होते है। यह काफी कम लोगों को पता है।
तो इससे रिलेटेड यह पूरा आर्टिकल में आप तक पहुंचा रहा हूं। इस आर्टिकल का मुख्य उद्देश्य आज सिर्फ यही है कि स्पेस रिसर्च के फायदे जानना। फायदों की बात करें तो स्पेस रिसर्च से हमें इतना ही पता चलता है कि किसी ग्रह पर जीवन खोजा जा रहा है। या फिर अंतरिक्ष में सैटेलाइट प्रक्षेपित की जा रही है। पर इससे आगे की भी कई सारी संभावनाएं स्पेस रिसर्च में होती है। तो कुल मिलाकर स्पेस रिसर्च के कई सारे फायदे है।
अगर कोई देश स्पेस रिसर्च करने के लिए कोई मिशन भेजता है। तो वह करोड़ों लोग लागत का खर्चा करके वह स्पेस रिसर्च प्रोग्राम पूरा करता है। तो स्पेस मिशन से सिर्फ सेटेलाइट प्रक्षेपित करना इतना ही नहीं होता है। इसके पीछे कई सारे कारण होते है। वही कारण आज हम इस पोस्ट से विस्तार से जानेंगे।
तो मैं इस पोस्ट में ज्यादा कुछ पॉइंट में आज ऐड नहीं करूंगा आज के पोस्ट का मुख्य उद्देश्य यही है कि स्पेस रिसर्च या मिशन के फायदे जानना तो आज एक ही मुद्दा इस पोस्ट में हम देखेंगे तो दोस्तों चलिए शुरू करते है। और देखते है कि स्पेस रिसर्च के क्या कुछ फायदे होते है।
स्पेस मिशन के फायदे
अंतरिक्ष में सैटेलाइट प्रक्षेपित करना:
दोस्तो स्पेस रिसर्च का मुख्य फायदा पहले से अंतरिक्ष में सेटेलाइट प्रक्षेपित करने का ही रहा है और इसका कारण यह है कि इससे हमारे वायुमंडल के साथ-साथ अर्थ और वातावरण, पानी, पर्वत और जमीन का जायजा लिया जाता है। यह काफी जरूरी काम में से एक काम है जो स्पेस रिसर्च द्वारा ही संभव होता है। आज अंतरिक्ष में हजारों सेटेलाइट प्रक्षेपित किए गए है। पर कितने सेटेलाइट प्रक्षेपित किए गए है इसका कोई अंदाजा मुझे भी नहीं है। क्योंकि हर एक देश ने अलग अलग देश ने अलग-अलग सेटेलाइट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है।
हमने पिछले पोस्ट में अंतरिक्ष के कचरे से रिलेटेड भी एक पोस्ट देखा है। जिसमें आप जान सकते हो कि यह सैटेलाइट किस तरह से मानव जाति के फायदे के है और नुकसान के है। पर आज हमें सेटेलाइट प्रक्षेपण के नुकसान के बारे में नहीं देखना है। क्योंकि काफी बड़ा पोस्ट मैंने पहले ही अपलोड कर दिया है। यहां पर आप समझ गए होंगे कि अंतरिक्ष मिशन का सबसे बड़ा मुख्य उद्देश्य ही होगा कि सेटेलाइट में सेटेलाइट प्रक्षेपित करना। जिसका काम है पृथ्वी पर होने वाले बदलाओ का जायजा लेना।
ग्लेशियर पिघलने के साथ-साथ तापमान बढ़ने पर भी नजर
दोस्तों ग्लेशियर जब टूटते या पिघलते है तब कई सारे विनाश सामने आते है। और यह आज की बात नहीं है कई सालों से समंदर का पानी का स्तर भी इसी कारण से बढ़ रहा है। और यह एक मुख्य कारण है। इसकी वजह से काफी बड़े विनाश का सामना आने वाले दिनों में करना पड़ सकता है। और इसी पर नजर रखने के लिए भी कई देश स्पेस मिशन द्वारा सैलेलिट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करते है।
अगर ज्यादा तापमान बढ़ने लगे तो ग्लोबल वार्मिंग का शिकार हर एक व्यक्ति के लिए काफी बड़ा नुकसान होता है। और इस ग्लोबल वार्मिग से ग्लेशियर पिघलने लगते है और टूटकर पानी में गिरने लगते है। और यह तब भयानक होता है। जब किसी डैम का पानी बढ़ता है और वह डैम या टूटता है। तो इसे को रोकने के लिए भी स्पेस मिशन द्वारा सेटेलाइट प्रक्षेपित की जाती है। नही नही, डैम का पानी का लेवल चेक करने के लिए नहीं तो थर्मल स्कैनिंग से पृथ्वी के वातावरण में बढ़ती गर्मी जानने के लिए होते है स्पेस मिशन और सेटेलाइट लॉन्चिंग ।
दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज
दोस्तों जैसे जैसे पृथ्वी पर इंसानों की तादाद बढ़ने लगी है। वैसे वैसे आपके रिसोर्सेज और टूल्स कम पड़ने लगे है। ऐसे में अगर देखा जाए तो हम जितना पृथ्वी से ले पाए है। वह भी काफी ज्यादा है। सभी जगह पर खुदाई और अन्य कारणों से और कब काफी नुकसान होता आ रहा है। हालांकि इस पर भी मैंने एक अच्छा खासा आर्टिकल लिखा है और पब्लिश किया है। आप वह भी पढ़ सकते हो।
किसी दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज यह इसलिए है कि कुछ बड़े बिजनेसमैन या पैसे वाले लोग ऐसे दूसरे ग्रहों पर जाकर बस्ती बसा सकते है। और अर्थ पर यानी पृथ्वी पर इंसानों बढ़ने वाली तादाद को रोका जा सकता है। क्योंकि अगर किसी देश के कुछ 10 या 20,000 लोग भी किसी दूसरी दुनिया में या ग्रह पर जाकर बस जाए तो भी उस देश को काफी फायदा होता है। क्योंकि इससे उन 20,000 लोगों का जो भी बोझ या रिसोर्सेज सरकार से कम हो जाता है। पर यह बोझ कम करने के लिए सरकार को स्पेस एजेंसी के साथ मिल कर काम करना होता है।
अगर स्पेस एजेंसी खुद से ही लोगों से चार्ज करके उन्हें दूसरे ग्रहों पर ले जाती है। तो वह स्पेस एजेंसी अपने हिसाब से जितना चाहे उतना ही चार्ज लगा पाएगी हालाकी प्राइवेट स्पेस एजेंसी की बात करें तो प्राइवेट स्पेस एजेंसी एक ही है। जो कि Space X के नाम से कहलाती है या जानी जाती है।
बाकी स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन सरकार के अंडर काम करती है। और इस वजह से स्पेस रिसर्च द्वारा मिलने वाली काफी इंफॉर्मेशन सरकार के पास रहती है। या वह सरकार को ही देना होता है। पर यहां पर आप समझ गए होंगे कि स्पेस रिसर्च मिशन का एक मुख्य कारण यह भी होता है कि दूसरे ग्रहों पर बस्ती बसाना और यह दूसरे ग्रहो पर बसाई हुई बस्तियां हम कुछ 10 या 20 साल बाद देख सकते है ।
दूसरे ग्रहों पर से रिसोर्सेज पृथ्वी पर लाना
दोस्तो दूसरे ग्रहों पर जो खनिज है वह काफी मात्रा में है। आज हम पृथ्वी पर जो कुछ खुदाई करते है। उससे पृथ्वी को भी काफी नुकसान होता है। और इस वजह से दूसरे ग्रहों पर जो कुछ रिसोर्सेज सोना, चांदी, तांबा, निकल जैसे खनिज है वह इंसानों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते है। इस वजह से भी स्पेस रिसर्च को बढ़ावा दिया जाता है।
हालांकि स्पेस रिसर्च प्रोग्राम से स्पेस एजेंसी कुछ तांबा लोहा या एलुमिनियम तो नहीं लेकर आएगी वह मुख्य धातु जो काफि एक्सपेंसिव होते है यानी जिनका मूल्य काफी होता है ऐसे ही चीजे, खनिज या वस्तु लेकर आएगी और उन्हें दूसरे धातु में मिक्स करके या वैसे ही पैसे वाले लोगों को बेच कर भी स्पेस एजेंसी पैसा कमा सकती है। साथ में जिस तरह हम बैटरी में अलग-अलग पदार्थ एकत्र करके उसमें ऊर्जा इकट्ठा करके रखते है।
वही काम अन्य धातु के साथ किया जा सकता है। जो कि अन्य ग्रहों पर मिल सकते है। ऐसा वैज्ञानिकों का दावा होता है। और इस वजह से भी स्पेस मिशन किए जाते है। स्पेस मिशन में मिली हुई चीजों पर रिसर्च करना और उस इंफॉर्मेशन को अगले मिशन के लिए इस्तेमाल करना या उसमें से कुछ जानकारी जो इंसानों के लिए जरूरी है वह बेच देना जैसे काम भी स्पेस मिशन में शामिल होते हैं।
पानी की खोज दूसरे ग्रहों पर करना
दोस्तों पानी इंसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण चीज में से एक है और ऐसे में अगर देखा जाए तो पानी के लिए भी रिसर्च शुरू होती है। और ऐसा भी कहा जाता है कि आने वाला युद्ध पानी के लिए भी हो सकता है। क्योंकि एक देश दूसरे देश को पानी से भी कंट्रोल कर सकता है। जैसे कि एक नदी या समंदर दूसरे देश को मिल जाए तो जहां से वह पानी आ रहा है। वह पानी कुछ देश रोक ले तो दूसरे देश को इसका नुकसान उठाना पड़ता है। तो यह पानी के लिए किस तरह से युद्ध हो सकता है इसका एक कारण है।
पर अगर बात करें स्पेस रिसर्च में पानी को खोजना, तो यह सबसे बड़ी खोज होती है। क्योंकि जिस ग्रह पर पानी मिल जाए उस ग्रह पर आसानी से इंसानी बस्ती बसाने के ज्यादा चांसेज होते है। क्योंकि पानी मिल जाए तो उस पानी को शुद्ध करके पीने लायक बनाया जा सकता है। इंसानी बस्ती बसाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। या फिर पेड़ पौधे लगाकर किसी वीरान ग्रहों को हरा-भरा ग्रह बनाया जा सकता है। इसलिए स्पेस रिसर्च प्रोग्राम में पानी ढूंढना भी एक बड़ी सफलता मानी जाती है।
दूर के ग्रह की स्थिति और अंतर जानने के लिए
दोस्तों नासा के वाइजर और वाइजर टू जैसे मिशन नासा ने काफी लंबी दूरी के लिए भेजे थे जहां पर वाइजर वन का संपर्क टूट चुका है। और वह अंतरिक्ष की गहराई में कहीं खो गया है। पर वाइजर टू द्वारा अभी भी नासा को काफी संकेत आते है या फिर कई सारी लुभावनी चीजे देखने का मौका अंतरिक्ष में मिल जाता है।
तो ऐसे में वह स्पेस प्रोग्राम, स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन को काफी सारी इंफॉर्मेशन देता है। और नए नए ग्रह को वैज्ञानिकों के सामने लाता है। वहां से पृथ्वी की दूरी बताता है और इस दूरी के हिसाब से वैज्ञानिक यह पता लगाते है कि वह ग्रह पृथ्वी से कितना दूर है। और उसपर लाइट की स्पीड से ट्रैवल करने पर कितनी देर बाद पहुंचा जा सकता है।
तो यह कुछ कारण होते है इस वजह से दूर-दूर के ग्रह खोजे जाते है। हालांकि अभी लाइट की स्पीड से ट्रैवल करने का कोई साधन हम इंसानों के पास नहीं है। पर आने वाले समय में हम आज जिस स्पीड से अंतरिक्ष में ट्रैवल करते है उससे कई ज्यादा स्पीड से ट्रेवल कर पाएंगे और वही डाटा इस्तेमाल करके हम उन ग्रहों पर भी जा पाएंगे जहां पर जीवन की पूरी संभावनाएं होती है।
बीता हुआ कल जानने के लिए
तो दोस्तों अंतरिक्ष प्रोग्राम में स्पेस एजेंसी द्वारा भेजे गए इस मिशन द्वारा बीता हुआ कल किस तरह से जान सकते है? तो दोस्तों यहां पर मैं आपको बता दूं कि स्पेस मिशन से हम किसी बच्चे का छोटा रूप नहीं देख पाएंगे या फिर उसे अपने बीते हुए कल में नहीं ले जाएंगे। हम बात कर रहे है किसी ग्रह का जन्म या मृत्यु हो जाना यानी कि कोई ग्रह किस तरह से पैदा हुआ या फिर किस तरह से टूट कर अंतरिक्ष में बिखर गया इसके बारे में भी स्पेस मिशन से जाना जा सकता है।
जैसे कि दूर का कोई ग्रह अभी बन रहा है। या टूट रहा है तो वह हमें आज बनता या टूटता हुआ दिख रहा है। पर अगर किसी सेटेलाइट द्वारा उसे पृथ्वी पर फोटो भेजी हैं तो वह फोटो कितने डेस्टिनेशन यानी अंतर के बाद पृथ्वी तक आया है और उस अंतरिक्ष उपग्रह से वह घटना कितनी दूरी पर घट रही है उस दूरी और टाइम के हिसाब से आज उस ग्रह का निर्माण किस तरह से हुआ वह देखा जाएगा इससे हमारी अंतरिक्ष की सीमाएं काफी बढ़ जाएंगी । उससे हमारी पृथ्वी की उत्पत्ति और विनाश के कारण समझ मे आ सकते है।
हमारी गैलेक्सी कब बन गई यह जानने के लिए
दोस्तों अंतरिक्ष वैज्ञानिक के अनुसार हमारी मिल्की वे गैलेक्सी की आज की आयु 3.6 बिलियन ईयर है ऐसा माना जाता है। पर यह आंकड़ा भी कई बार ऊपर नीचे यानी कि कम ज्यादा होता है। क्योंकि जैसे हमारे अंतरिक्ष में भेजे गए सॅटॅलाइट नए-नए खुलासे करते है वैसे वैसे हमारा अंतरिक्ष को देखने का नजरिया बदल जाता है। और इसी वजह से हम हमारी गैलेक्सी की आयु या एज सही से निर्धारित नहीं कर पाते है क्योंकि नए-नए खुलासे यह आंकड़े हमेशा बदल देते है।
जैसे-जैसे हमारे स्पेस मिशन हमारे गैलेक्सी को अधिक जानेंगे या काफी गैलेक्सी से दूर जाएंगे तब जाकर पता चलेगा कि असल में हमारी अंतरिक्ष की एज या आयु क्या है। अब यह क्यों जाना जाता है तो मैं आपको बता दूं तो यह होगा कि, कोई भी अंतरिक्ष ऑब्जेक्ट क्यों और किस वजह से, किस तरह से बन जाता है या टूटकर बिखर जाता है। इसके कारण हमें पता चलते है। और इसी वजह से गैलेक्सी आयु निर्धारित करना भी जरूरी है और इस काम के लिए स्पेस प्रोग्राम या मिशन भेजे जाते है।
एलियन की खोज करने के लिए
दोस्तों एलियन क्या होते है और अलग-अलग ग्रहों पर क्यों जाते है इसके बारे में मैंने काफी बढ़िया और बड़ा सा पोस्ट विस्तार से लिखा है और पब्लिश किया है। आप वह भी पढ़ सकते हो। तो दोस्तों एलियन के बारे में आपको पता ही होगा अगर पता नहीं है। तो आर्टिकल जरूर पढ़ें उसमें आपको पता चल जाएगा कि एलियंस परग्रहवासी होते है और अलग-अलग ग्रहों की खोज में निकलते है।
जिस तरह से हम इंसान जीवन की नई खोज करते है उसी तरह से ही भी एलियन काम करते है। वह भी यही जांचने के लिए अलग-अलग ग्रहों पर जाते है कि और कहीं जीवन की संभावना है या नहीं? शायद उन्हें भी अपने रिसोर्सेज कम पडने लगे होंगे या उन्हें बेहतर टेक्नोलॉजी की जरूरत होगी। तो यहां पर सवाल आता है कि अगर एलियन हमसे आगे की काफि एडवांस टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करते होंगे तो क्या होगा? तो इसका जवाब पुराने आर्टिकल में मिल जाएगा।
तो किसी स्पेस रिसर्च प्रोग्राम से हम अंतरिक्ष मैं किसी एलियन की खोज करते है तो यह भी अंतरिक्ष में अभी तक की सबसे बड़ी खोज होगी। अगर एलियन अच्छे होंगे तो वह हमसे टेक्नोलॉजी बाट पाएंगे और हम से खतरनाक होंगे तो आप सोच समझ सकते हो कि क्या होगा? कोई जवाब मन में नहीं आ रहा है तो बता दु कि वह सीधा पृथ्वी को हथियाने की या कंट्रोल करने के कोशिश में लग जाएंगे। क्योंकि बड़ी ताकत हमेशा कमजोर ताकत पर राज करती है। पर स्पेस रिसर्च से हमें यह तो पता चलेगा कि एलियन होते है या नहीं।
ब्लैक होल की खोज करना
दोस्तो ब्लैक होल वह होते है जो अपने आसपास की सारी ऊर्जा अपने अंदर खींचने में सक्षम होते है और ऐसा माना जाता है कि लाइट भी इसके आप आ जाए तो वो भी दिखाई नहीं देती यानी कि वह लाइट को भी आर-पार खींचते है। पर आपने इस पोस्ट में ब्लैक होल के बारे में नहीं जानना है। हमें यह जानना है कि ब्लैक होल को खोजने के लिए या फिर उसकी जानकारी पाने के लिए वैज्ञानिक इतने उतावले क्यों होते है या फिर इतने रिसर्च क्यों करते है? तो मैं आपको बता दूं कि ब्लैक होल में एक अलग दुनिया है।
ऐसा वैज्ञानिकों का मानना होता है क्योंकि ब्लैक होल जिस तरह से पूरी उर्जा खींचते है और वहां का टाइम भी अलग तरफ से काम करता है। तो वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि ब्लैक होल में चली गई हुई ऊर्जा आगे जाकर वाइटहॉल से बाहर निकल जाती है और इसी वजह से वैज्ञानिक यह देखना चाहते है कि क्या हो अगर हम ब्लैक होल के अंदर जाकर किसी अन्य रास्ते से बाहर निकले और वह दुनिया किस तरह से होगी इसी वजह से ब्लैक होल की जानकारी पाना और उस पर रिसर्च करना काफी समय से एक बड़ी चुनौती रहा है।
दोस्तों इस पोस्ट में हमने जाना कि " स्पेस मिशन के फायदे - Benefits of Space missions? Space mission ke fayde kya hai? दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज. दूसरे ग्रहों पर से रिसोर्सेज लाना "
तो दोस्तों यह आर्टिकल कैसा लगा COMMENT जरूर करें । अगर इस आर्टिकल से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर पूछे । ताकि आपके साथ और भी लोगों की परेशानी दूर हो । अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो इसे अपनों में और आपके पसंदीदा सोशल मीडिया वेबसाइट पर SHARE जरूर करें । अन्य सोशल मीडिया साइट पर हमारे नोटिफिकेशन पाने के लिए कृपया हमें आपके पसंदीदा सोशल मीडिया साइट पर फॉलो भी करें ।
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भाग्य उन्ही का साथ देता है जो कठिन से कठिन स्थितियों में भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते है। OKTECHGALAXY.COM / Motivation
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