दोस्तों मेरा नाम है ओंकार मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY पर आपका फिर से एक बार स्वागत है। दोस्तों जो शब्द आप बोलते हो उसे समझने की या फिर जानने की क्षमता सारे लोगों में नहीं होती है। जिसकी वजह से आपके शब्द बर्बाद हो जाते है। और इसे आम भाषा में भैंस के आगे बीन बजाना कहते है। मतलब उन शब्दों की वैल्यू वहां पर खत्म हो जाती है।
इसे कुछ इस तरह से समझा जा सकता है। कि आप 2 मिनट तक किसी को एक जरूरी सीन समझा रहे हो और उसे कुछ समझ में ना आए और वह सिर्फ हां इतना ही जवाब तो रिप्लाई के तौर पर आपको दे तो दोस्तों शब्द रूपी वैल्यू बढ़ाना भी जरूरी है। और यह
शब्द क्या होते है?
दोस्तों शब्द बोलचाल का एक साधन है। जिसे आज अलग-अलग लैंग्वेज में जाना जाता है। और यह हजारों सालों से निर्माण हुए है। जब भाषा नहीं थी तब कोडवर्ड या फिर हाव-भाव के जरिए ही समझा जाता था कि क्या कहना है। पर जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ और यह कई प्रजातियों में बढ़ गया या फिर कहीं जाति धर्म में बट गया तब अलग-अलग तरह से अलग-अलग भाषाएं निर्माण हुई जब 10 + कर वाक्य बनते है। और वाक्यों की जरूरत बोलने के लिए हो जाती है। और कई सारे वाक्य जोड़कर पूरे प्यार ग्राफ का निर्माण होता है। पर बोलने के लिए शब्द वाक्य और पैराग्राफ हाव-भाव और कोड भाषा जैसे कई सारे साधन इस्तेमाल किए जाते है।
शब्दों की वैल्यू क्या होती है?
दोस्तों शब्दों की बहुत वैल्यू होती है। और ऐसा भी माना जाता है। कि एक बार आपने किसी को शब्द की तौर पर कुछ बोला तो उसे पूरा करना आपका पहला कर्तव्य होता है। मतलब मुंह से निकली बात एक तीर कमान जैसी होती है। जो जहां पर जानी चाहिए या फिर जिसे ठेस पहुंचा नहीं चाहिए उसे पहुंचा कर रहती है। और यह शब्दों के वैल्यू है।
शब्दों को अर्थ या फिर मीनिंग के हिसाब से पकड़े तो ही आप उस शब्दों को जान सकते हो और यह शब्द आप लगभग स्कूल टाइम से सीखते आ रहे हो स्कूल में सीखा हुआ हर एक शब्द अगर आपको याद रहता है। तो आपको किसी भी क्षेत्र में नंबर वन पहुंचाने में वक्त नहीं लगता जिन की यादास अच्छी होती है। वह हर एक शब्द को याद रख पाते है। इसलिए शब्दों का बहुत ही महत्व है। हर एक इंसान के लिए।
शब्दों का गलत इस्तेमाल कब होता है?
तो मान लीजिए आप एक प्रोफेशनल वर्कर हो और एक फील्ड में काम कर रहे हो और आपके फील्ड की जानकारी जिसे नहीं है। उसे अगर आप आपके फील्ड के बारे में बताने जाते हो तो इसका असर कुछ उल्टा ही होता है। मतलब उसे समझने वाला या फिर जाने वाला अगर उस काबिल ना हो तो वह शब्द बर्बाद हो जाते है। मान लीजिए आप कोई स्टूडेंट हो या फिर फिजिक्स के स्टूडेंट हो और आप 10 वीं या 12 वीं के व्यक्ति को आपके नॉलेज के बारे में बताते हो तो वह नॉलेज बर्बाद हो जाता है।
बस तो चलिए इस पर थोड़ा सा नीचे आकर बात करें तो अगर आप 10 वीं या 12 वीं का कुछ एग्जाम से रिलेटेड जानकारी है। जो आप दो व्यक्ति को बताते हो 10 वीं 12 वीं के व्यक्ति को और एक ना समस्या पागल व्यक्ति को तो 10 वीं और 12 वीं का व्यक्ति तो वह बातें अच्छी तरह से और पर्याप्त मात्रा में समझ लेगा पर अगर कोई नादान बच्चा है। या फिर पागल व्यक्ति है। तो वह उस नॉलेज को नहीं समझेगा तो वहां पर आप जितना कुछ बताओगे वह भी बर्बाद हो ।
आप को सुनना और समझना जिसे पसंद नहीं है। उसे भी शब्दों की वैल्यू पता नहीं
दोस्तों जैसे कि आप पर गुस्सा करने वाले लोग हो जा फिर आप से भेंट करने वाले लोग हो और यह आपके दोस्त आपके परिवार के लोग हो सकते है। और इन्हें भी शब्दों की मर्यादा या फिर वैल्यू पता नहीं होती है।
आप पर जो कोई गुस्सा करेगा या फिर हेट करेगा उसे आप जितना समझाओ वह उतना ही आपसे गुस्सा करेगा तथा आपके शब्दों को बर्बाद ठहराएगा । और आप जितना कुछ अंश उसे समझाओ गे उतना ही वह आपको गलत समझेगा आपकी ना सुनते हुए सिर्फ हमें जवाब देगा या फिर मुंह टेढ़ा करेगा यह तो बातें आपने जरूर अनुभव की होगी।
दोस्तों प्यार एक ऐसी चीज है। जिससे इंसान तो क्या जानवर भी दूर नहीं भागना चाहते है। पर अगर प्यार में कुछ लोग गुस्सा भी करते है। और प्यार भी करते है। और जब गुस्सा आता है। तब खुद की बातें ही सही है। इस हिसाब से हर एक इंसान चलता है। और ऐसे वक्त में भी आप सामने वाले व्यक्ति को जितना समझाओ गे वह उतना ही नासमझ बनता जाएगा और खुद की बातें ही सही ठहराने में जुट जाएगा
मोटिवेशनल कोट्स और खुद को सही साबित समझना
मोटिवेशन का है या फिर भजन कीर्तन का है। इसमें एक ऐसा व्यक्ति आपको जानकारी दे रहा होता है। जिसने सच में बुरे हालातों का सामना किया हो या फिर ज्यादा से ज्यादा इंफॉर्मेशन नॉलेज खट्टा की हो और वही अनुभव मोटिवेशनल स्पीकर बताता रहता है।
ऐसे भी कुछ लोग है। जो मोटिवेशनल स्पीकर को या फिर किसी महाराज कीर्तन करने वाले व्यक्ति को ही गलत ठहराने में लग जाते है। और ऐसे वक्त मोटिवेशनल स्पीकर जितनी जानकारी आपको देगा या फिर एक नासमझ इंसान को देगा वहां पर उस मोटिवेशनल स्पीकर के शब्द बर्बाद हो चुके होते है।
शब्दों की वैल्यू कैसे बढ़ाए?
तो दोस्तों शब्दों की वैल्यू गाना सुनाओ वैसे तो थोड़ा मुश्किल लग जाता है। पर उतना मुश्किल नहीं है। अब आपको यह समझना है। कि आपके शब्द किस व्यक्ति के लिए जरूरी हो सकते है। या फिर आपकी बातें सही साबित करता है। या फिर मानता है। और उसके हिसाब से ही आपको बोलने वाला सामने वाला व्यक्ति चुना है।
जैसे कि दोस्तों दो प्रोफेशनल एक साथ आते है। तो वहां पर कन्वर्सेशन बेहतर बनता है। और यह अनुभव मैंने भी लिया है। तो दो प्रोफेशनल व्यक्ति एक साथ आते है। और एक सब्जेक्ट पर काम करते है। तो वहां पर शब्दों की वैल्यू और भी ज्यादा बढ़ जाती है। और दोनों एक सब्जेक्ट पर बातें करते है। तो वह सब्जेक्ट समझने में और जानने में भी आसानी हो जाती है। तो आप को शब्दों की वैल्यू ही बढ़ानी है। तो आपको आपका सिम प्रोफेशन चुनकर व्यक्ति से बातें करनी है।
खुद की पोजीशन पहले बढ़ाओ
दोस्तों अगर आप कोई गरीब व्यक्ति हो या फिर आपके पास ज्यादा पैसे नहीं है। तो आपके दोस्त भी कम होंगे और साथ में आपका नॉलेज भी कम होगा जिसकी वजह से आपको किसी विषय पर बातें करते वक्त काफी हिचकिचाहट महसूस होगी तो आपको पहले आपका नॉलेज और आपकी आर्थिक स्थिति सुधार नहीं है। साथ में ऐसे ही व्यक्ति को लोग सही मानते है। और उसकी इंफॉर्मेशन को बेस्ट मानते है। जो लाखों करोड़ों काम आता है। तो मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि आपको तुरंत लाख हो या फिर करोड़ों कमाने है। पर आपको आपकी आर्थिक स्थिति तो मजबूत बनानी ही है। तब जाकर आपके शब्दों की वैल्यू बढ़ेगी।
लोग खुद से जोड़ो
तो आप पोजीशन पर या फिर किसी भी प्रोफेशन पर काम करते हो वहां पर लोग जरूर होते है। तो सुनने वाले लोग आपको ज्यादा से ज्यादा जोड़ने है। जैसे कि आज सोशल मीडिया आ गया है। और यह हर एक के लिए फ्री है। आपको सिर्फ अपना नालेज लोगों से बांटना है। और लोगों को आप से जोड़ना है। वहां पर ज्यादा लोग आपको फॉलो करते है। या फिर आपकी बातों को सही साबित करने में जुड़ जाते है। वहां पर आपके शब्दों की वैल्यू और बढ़ जाएगी।
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