नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओमकार और मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY पर आपका फिर से एक बार स्वागत है। दोस्तों अगर बात TikTok की आ रही है तो मुझे यह पॉइंट यहां पर ऐड करना सही लगा । इसलिए मैंने यह पॉइंट भी इसमें ऐड कर दिया है क्योंकि इस पोस्ट द्वारा में आपको यह बता रहा हूं कि TikTok और Mitron एप्लीकेशन में क्या अंतर है और सारा पोस्ट मुझे इस पॉइंट तक लेकर आया कि TikTok से ज्यादा मेहनत यूट्यूब के लिए करनी पड़ती है ।
इस एप्लीकेशन यानी TikTok के बदले Mitron एप्लीकेशन को लोग इस्तेमाल करना शुरू कर रहे हैं । इसकी शुरुआत भी तो YouTube Vs TikTok द्वारा ही हुई थी । इसलिए मैं आपको और कई सारे यूजर्स को यह बताना चाहता हूं कि TikTok पर एक वीडियो आप 15 से 20 सेकंड का बनाते हो या फिर 1 मिनट तक का वीडियो बनाते हो और उस काम के लिए मेरे ख्याल से 5 से 10 मिनट लग जाते हैं ।
क्योंकि सारे एडिटिंग टूल्स आपको उसी जगह पर मौजूद मिलते हैं । पर दोस्तों यूट्यूब में ऐसा नहीं है यूट्यूब में वीडियो अपलोड करने से पहले उसे कई सारे प्रोसेस और एडिटिंग के साथ गुजारना पड़ता है और वह एडिटिंग करते वक्त किसी यूट्यूबर को कई सारे एप्लीकेशन इस्तेमाल करने पड़ते हैं ।
जैसे कि Png File के लिए Background Eraser , Music , Songs के लिए MP3 Cutter , Video Editing के लिए Viva Editer या फिर Kinemaster जैसे एप्लीकेशन Photo Editing के लिए PicsArt जैसा एप्लीकेशन ऐसे कई सारे एप्लीकेशन द्वारा एक वीडियो एडिट करके तैयार की जाती है और बाद में उसे अपलोड किया जाता है ।
तो आपको समझ में आ गया होगा कि TikTok से ज्यादा यूट्यूब के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है । वैसे भी हर एक Creater अपने अपने प्लेटफॉर्म पर मेहनत ही करता है पर किसी भी जान बूझकर बुराई करना गलत है ।
Short Video और YouTube Content में क्या फर्क है?
तो दोस्तो टिकटॉक वर्सेस यूट्यूब या फिर शार्ट वीडियो एप्लीकेशन वर्सेस यूट्यूब कंपैरिजन देखने से पहले हमें कुछ बातों का ध्यान देना होगा, कि शार्ट वीडियो और यूट्यूब के लिए किस तरह का कंटेंट बनता है या फिर बनाना पड़ता है ।
वैसे तो दोस्तों यूट्यूब पर भी शार्ट का Feature आ चुका है । पर यूट्यूब पर फेमस होना या यूट्यूब पर काम करना यह दोनों काम और सक्सेस के तरीके अलग-अलग है । हम यहां पर शार्ट वीडियो और यूट्यूब की बात कर रहे हैं । तो चलिए शुरू करते है यह Comparison ।
1. वीडियो की लंबाई (Duration):
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Short Video आमतौर पर 15 सेकंड से 60 सेकंड तक की होती है।
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YouTube Content (Long-form video) 3 मिनट से लेकर कई घंटों तक हो सकता है।
2. प्लेटफॉर्म पर उद्देश्य (Purpose):
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Shorts का मकसद जल्दी ध्यान आकर्षित करना और वायरल होना होता है।
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YouTube Long Videos का उद्देश्य जानकारी, शिक्षा या मनोरंजन को विस्तार से दिखाना होता है।
3. एल्गोरिदम और रीच (Reach):
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Short Videos का रीच ज्यादा तेज़ होती है, क्योंकि यह Explore या Shorts Feed में जल्दी पहुंच जाती हैं।
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Long Videos में वॉच टाइम और इंगेजमेंट के आधार पर ग्रोथ होती है।
4. कमाई का तरीका (Monetization):
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Shorts में कमाई सीमित होती है या व्यू शेयरिंग पर निर्भर करती है।
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Long YouTube Videos में Ads, Sponsorship और Watch Time से अच्छी कमाई होती है।
5. दर्शकों का अनुभव (Viewer Experience):
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Short Videos तेज़ और आकर्षक होती हैं, लेकिन जल्दी स्क्रॉल कर दी जाती हैं।
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Long Videos दर्शक को जोड़कर रखती हैं और चैनल की ब्रांडिंग मजबूत करती हैं।
शार्ट वीडियो वर्सेस यूट्यूब एडिटिंग में फर्क
दोस्तों जहां पर बात करें शार्ट वीडियो एप्लीकेशन या टिक टॉक इंस्टाग्राम रिल कि, तो इसमें आपको एडिटिंग ना के बराबर करनी होती है । मतलब कि अगर आपको Reels पर काम करना है तो आपको बिना एडिटिंग के भी आप वीडियो अपलोड कर सकते हो । पर वहीं पर अगर बात करें यूट्यूब की, तो यूट्यूब के लिए आपको काफी लंबी चौड़ी एडिटिंग करनी पड़ती है ।
यह एडिटिंग 10 से 15 मिनटसे ज्यादा की होती है । पर इसके लिए आपको लगभग 3 से 4 घंटा लगता है और इसीलिए दूसरे एप्लीकेशन से ज्यादा मेहनत यूट्यूब पर होती है । यूट्यूब वीडियो की एडिटिंग करने के लिए आपको कई सारे फोटोस और फूटेज इंटरनेट से डाउनलोड करने पड़ते हैं । कई सारे इमेज को कट करना पड़ता है । उन्हें एक साथ जोड़ना पड़ता है और तब जाकर एक 10 से 15 मिनट की वीडियो बनती है।
वीडियो अपलोड करने का टाइम और डाटा खर्च में फर्क
दोस्तों जैसे कि यूट्यूब की वीडियो और शार्ट वीडियो एप की वीडियो में वीडियो लेंथ का फर्क होता है । उसी तरह उन्हें अपलोड करते वक्त जो डाटा यूज़ होता है । उसमें भी काफी सारा फर्क होता है । मान लीजिए आपकी इंस्टाग्राम Reels की वीडियो है ।
वह वीडियो लगभग 5 से 10 एमबी के आसपास चली जाएगी और यहीं पर यूट्यूब की वीडियो ले ली जाए तो लगभग 2 से ढाई जीबी तक आपका डाटा खर्च करेगी क्योंकि दोनों वीडियो में लेंथ और क्वालिटी में बहुत ज्यादा फर्क होता है ।
काम और मेहनत में फर्क
दोस्तों जहां पर बात करें इंस्टाग्राम Reels की या शार्ट वीडियो की तो इनमें सक्सेस के लिए मेहनत का कोई सिस्टम ही नहीं होता है । आप कहीं से भी वीडियो शूट कर सकते हो । हजार दो हजार व्यक्ति को शुरुआत में वह वीडियो Show करवा सकते हो और सक्सेस पा सकते हो। इनमे मेहनत और काम की कोई बात नहीं होती है।
पर अगर यूट्यूब चैनल पर बात करें तो आपको काफी सारे मेहनत इस काम के लिए करनी पड़ती है और यहां तक कि आपको वह काम ज्यादा लगने लगे तो आपको दो से तीन व्यक्ति शूट के लिए या एडिट के लिए पैसे पे करके रखने भी पड़ते हैं । मतलब इस काम में आपका काफी सारा वक्त और पैसा भी इन्वेस्ट हो रहा है ।
शार्ट वीडियो वर्सेस यूट्यूब सब्जेक्ट में फर्क
दोस्तों यूट्यूब और इंस्टाग्राम रियल हो या फिर शॉर्ट वीडियोस हो उनमें आपको सब्जेक्ट में भी काफी सारा फर्क देखने को मिलेगा । सब्जेक्ट के हिसाब से शार्ट वीडियो को देखें तो, एंटरटेनमेंट, फूड मेकिंग या फिर गेमिंग या जनरल नॉलेज से रिलेटेड ही ज्यादा टॉपिक आपको शार्ट वीडियो एप्लीकेशन पर देखने को मिलते हैं ।
इसके साथ साथ Memes भी आप शार्ट वीडियो एप्लीकेशन पर देख सकते हो । पर अगर यहां पर बात करें यूट्यूब की तो, यूट्यूब पर आपको काफी सारा कंटेंट अलग-अलग सब्जेक्ट पर मिल जाता है । यूट्यूब पर आपको टेक्नोलॉजी, एजुकेशन, गेमिंग, फूड मेकिंग, लाइव गेम स्ट्रीमिंग की पूरी जानकारी मिल जाती है ।
वीडियो इंफॉर्मेशन में फरक
दोस्तों आपने यह तो देखा होगा कि यल्स पर काफी सारी इनफार्मेशन 15 सेकंड में या फिर 30 सेकंड में लोगों तक पहुंचाना काफी मुश्किल होता है और मैंने यह भी काफी बार नोटिस किया है कि लोग 2 से 4 पार्ट में कुछ इंफॉर्मेशन दे देते हैं पर वह भी इंफॉर्मेशन कंप्लीट नहीं होती है ।
जिसकी वजह से कमेंट बॉक्स में पूरी इंफॉर्मेशन सबमिट करने के लिए कहा जाता है । तो यहां पर शार्ट वीडियो का एक नुकसान तो यह है कि आपको पूरी इंफॉर्मेशन कभी भी नहीं मिलती है । पर यूट्यूब वीडियो पर वीडियो अपलोड करते वक्त कंटेंट क्रिएटर उस वीडियो को काफी रिसर्च करके बनाता है ।
कोई पॉइंट मिस ना हो इसके बारे में पूरा ख्याल रखता है और तब जाकर 15 मिनट की या फिर काफी लंबी वीडियो बन जाती है । काफी सारे यूट्यूबर अपनी रिसर्च टीम वीडियो बनाने से पहले तैयार करते हैं और पूरे रिसर्च के बाद ही एक वीडियो तैयार होती है । यूट्यूब पर आपको किसी भी सब्जेक्ट से रिलेटेड या टॉपिक से रिलेटेड पूरी इंफॉर्मेशन मिलने की गारंटी होती है ।
शूट करने की जगह मैं फर्क
दोस्तों इंस्टाग्राम रिल हो, टिकटॉक हो या फिर उनके विरुद्ध यूट्यूब वीडियो हो, इनमें आपको यह देखने को मिलेगा की, यूट्यूब वीडियो दरअसल काफी लंबी चौड़ी होती है और कहीं पर बैठ कर आप उन्हें शूट करना पसंद करते हो । ऐसे में खुद का स्टूडियो हो तो यूट्यूब वीडियो शूट करने के लिए बेस्ट माना जाता है ।
क्योंकि कई सारा बैकग्राउंड और लाइट सेटअप आपको YouTube Video बनाने के लिए तैयार करना पड़ता है । पर अगर रिल्स की बात करें या शार्ट वीडियो की बात करें तो, वह वीडियो आप कहीं पर भी सूट और अपलोड कर सकते हो और यहां तक कि रास्ते, हाईवे या फिर रेलवे स्टेशन ही क्यों ना हो, वहां पर भी आजकल सीधा Short Video शूट किए जाते हैं, जो कि काफी गलत बात है ।
सक्सेस होने के टाइम में फर्क
दोस्तों सक्सेस के लिए ही हर कोई वीडियो बनाता है पर यूट्यूब का सक्सेस और शार्ट वीडियो का सक्सेस दोनों में फर्क है । यूट्यूब सक्सेस के लिए आपको काफी दिनों तक काम करना पड़ता है और यह टाइम कभी-कभी एक या डेढ़ सालों के ऊपर भी चला जाता है । पर अगर आप यूट्यूब पर ही सक्सेस होना है तो आपको वो टाइम भी काफी कम लगने लगता है ।
मतलब सक्सेस पाने के लिए आप डेढ़ साल से ज्यादा भी यूट्यूब पर काम करते हो । अगर आपको सचमुच सक्सेस होना है तो यूट्यूब पर ही काम शुरू करे । पर रिल का सक्सेस आप तीन से चार दिनों में या फिर महीनों में पा सकते हो क्योंकि रिल हो या शार्ट वीडियो हो वायरल जल्दी होती है पर वह इनफॉर्मेटिव कितने होते हैं वह तो देखने वाले व्यक्ति को ही पता होता है ।
कौन सा सबसे ज्यादा दिन रहेगा
दोस्तों यहां पर बात हो रही है यूट्यूब चैनल की और शार्ट वीडियो की तो, दोस्तों शार्ट वीडियो में हर दिन नए-नए लोग आते रहते हैं और वीडियो अपलोड करके सक्सेस होने की तैयारी करते हैं या सपने देखते हैं । ऐसे में आपको एक बात ध्यान में रखनी होगी कि हर दिन कोई ना कोई सक्सेस की ऊंचाई तक पहुंचता है और दूसरे दिन नीचे भी गिरता है ।
क्योंकि दूसरे दिन नया व्यक्ति सक्सेस तक पहुंचा हुआ होता है । पर यही पर बात करें यूट्यूब की, तो यूट्यूब में आपको टॉप टेन यूट्यूबर ही ऐसे मिलेंगे जो नंबर वन पर मौजूद मिलते हैं और उनका नाम कभी भी दुनिया के टॉप टेन यूट्यूब पर से नीचे नहीं आता है और इसका कारण यह है कि यूट्यूब का सक्सेस ही आज सबसे बेहतर माना जाता है । इनमे इतना कंपटीशन नहीं होता है कि हर दिन कोई नया व्यक्ति आकर सक्सेस की ऊंचाई पर पहुंचे ।
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दोस्तों इस पोस्ट में हमने जाना कि " Short Video और YouTube Content में क्या फर्क है? "
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