नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओमकार और मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY पर आपका फिर से एक बार स्वागत है। दोस्तों नासा जो कि 1 स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन है। नासा को कौन नहीं जानता, गैलेक्सी के जितने भी राज और अनसुने फैक्ट्स नासा द्वारा दुनिया के सामने लाए जाते है। ऐसे में भगवान शिव के बारे में भी नासा ने काफी उत्सुकता बनी रहती है। और काफी सालों से नासा इसी सवाल पर रिसर्च कर रहा है। कि क्या भगवान होते है या नहीं? ऐसे में The shiva project भी नासा द्वारा काफी सालों से चलाया जा रहा था और इस पर रिसर्च हो रही थी जो कि आज भी शुरू है।
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दोस्तों जब भी भगवान की बात आती है। तो सबसे पहले यही सवाल उठता है कि क्या धरती भगवानों ने बनाई या इंसान खुद यहां पर जन्म लेकर विकसित हुए या इंसानों ने भगवान बनाया। तो इसमें कई सालों से रिसर्च चल रही है। पर हमें एक ब्लॉगर के हिसाब से इस पोस्ट को जान लेना है। दोस्तों जब भी भगवान पर रिसर्च होती है तो वैज्ञानिक पुरानी बातों का तर्क लगाते है।
पर नासा कुछ अलग तरीके से सोचता है। वह यह मानता है कि भगवान को अपने हिस्ट्री के हिसाब से नहीं अपने फ्यूचर के हिसाब से जान लेना जरूरी है। और यह इसलिए क्योंकि पुरानी जानकारी हमने इकट्ठा कर ली है। इस पर कई सारे एक्सपेरिमेंट कर लिए है। कई सारे ऑब्जेक्ट पर फिल्टर और रेज डालकर स्कैन भी किया है। इनका आधार लेकर वैज्ञानिक फ्यूचर के बारे में जानने की कोशिश करते है। ऐसे में जेट विमान, टाइम ट्रैवल हो या फिर चांद तारे, सूरज के बारे में भी कई हजारों साल पहले हमें पूरी जानकारी थी। पर फिर भी हम आज इतने प्रगतिशील नहीं हुए।
दोस्तों हजारों सालों का समय बहुत होता है। पर इसका सही इस्तेमाल हमने नहीं किया क्योंकि टेक्नोलॉजी की कमी कई बारे होती है। पर आज हम इतना तो पता कर रहे है कि हम दूसरे ग्रहों तक जा सकते है और वहां पर रिसर्च कर सकते है और यही आज यही रिसर्च नासा कर रहा है। नासा का काम आज शिव के अस्तित्व को जानना और पहचानना है। और इसी के लिए बना है The Shiva Project।
The Shiva Project क्या है?
दोस्तों जैसा कि मैंने बताया शिव के अस्तित्व जानने के लिए नासा भी अब आगे बढ़ रहा है और जल्द ही इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लेगा। इसके लिए नासा ने कई सारे सैटेलाइट को धरती के बाहर अलग-अलग दिशाओं में भेजा है। और कई सारे एंटीना धरती पर लगाए है। वह शिवा प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे। भेजे गए सैटेलाइट अलग-अलग हिस्सों में जा रहे है। और नई-नई जानकारियां भेज रही है। पर पूरी तरह से इसमें सफलता नहीं मिल रही है।
दोस्तों ब्रह्मांड में आकाशगंगा या फिर मिल्की वे गैलेक्सी ही एक मात्र ऐसी गैलेक्सी है जो हम पूरी तरह जानते है। पर ऐसे कई सारे गैलेक्सिया मौजूद है जो हम इंसानों को जाननी है। कई गैलेक्सीयोको नासा स्कैन करेगा या फिर नई खोज करेंगे तब हमें The Shiva Project पूरा होता हुआ देखने को मिल जाएगा। कई बार नासा के वैज्ञानिक भी यही मानते है कि इस ब्रह्मांड में पहला जीव शिवलिंग से आया या बना था और इसी उत्सुकता को The Shiva Project पूरा करना चाहता है।
कई वैज्ञानिक यह मानते है कि धरती पर पहला जीव एक मछली में बना था और अगर धरती के जीव को छोड़कर पूरे ब्रह्मांड की बात करें तो यह बात इस तरह से होगी कि ब्रह्मांड भी शिव की ही देन है। तो इस हिसाब से ब्रह्मांड का हर एक ग्रह यहा तक की एलियन को भी भगवान शिव द्वारा ही बनाया गया होगा। अब अगर आपने पुरानी पोस्ट पढ़ी हो तो आपको मैंने यह बताया है कि एलियन की संस्कृति और सभ्यता किस तरह हो सकती है। और यह पूरे प्रूफ के साथ बताया था। अगर वह पोस्ट आप पढ़ चुके हो या पढ़ना चाहते हो तो यहां क्लिक कर सकते हो
तो उस पोस्ट के हिसाब से अगर भगवान को एलियन भी यही मानते हो कि उन्हें भी भगवान द्वारा ही बनाया है। भगवान पर रिसर्च कर रहे होंगे या फिर जीन्स और टेक्नोलॉजी जैसे बातों पर ज्यादा खर्च और चर्चा करते हो तो को भगवान के अस्तित्व के रिसर्च को छोड़ देंगे ।
The Shiva Project क्या काम करेगा?
दोस्तों शिवा प्रोजेक्ट का पूरा टारगेट यही होगा कि गैलेक्सी के ऐसे छोटे बड़े कन, लाइट, रिफ्लेक्शन और ऑब्जेक्ट को डिटेक्ट करना है। और उनकी एक इमेज बनानी है। मैंने आपको यह बताया था कि नासा को भगवान शिव के कुछ ऐसे भी पहल या शरीर की तरह दिखने वाले कुछ ऑब्जेक्ट भी रिसर्च में देखने को मिलते है। यह तब होता है जब कई सारे तारे, उल्कापिंड का सही जगह पर क्रम हो या फिर वह ऑब्जेक्ट सही जगह पर हो और किसी ऑब्जेक्ट की लाइट का कलर एक निश्चित जगह पर इकट्ठा हो।
पर अभी तक नासा ने इसमें पूरी तरह से पुष्टि नहीं की है। तो इसी के लिए सेटेलाइट नासा द्वारा अंतरिक्ष में भेजे है। वह अलग अलग दिशा से अलग अलग तरह की इमेजेस लेंगे और यहा धरती पर उन इमेजेस को जोड़कर एक इमेज बनाई जाएगी। मैंने पुरानी पोस्ट में यह भी बताया था कि सैटेलाइट कैसे काम करती है। तो यह सेटेलाइट कोई सारे ऑब्जेक्ट को एक फोटो तैयार करेगी और इसी बड़ी सी इमेज पर कई तरह के फिल्टर, लाइट और इफेक्ट डालकर इसे बार-बार सर्च किया जाएगा या फिर रिसर्च करके जानकारी सामने लाई जाएगी।
The Shiva Project के फायदे क्या है?
दोस्तों लगभग सभी धर्मों में अपने भगवान के लिए प्रेम होता ही है। और हिंदू धर्म में भी इसी तरह से लोग अपने धार्मिक देवी देवताओं को प्यार भी करते है। ऐसे में रामायण, महाभारत, शिवलीला हो या फिर और भी कई तरह के ग्रंथों में जो भी बताया गया था उसके हिसाब से रिसर्च करने के बाद सेम चीजें जिस तरह से ग्रंथों में बताई थी वही सामने आ रही है। ऐसे में सृष्टि का निर्माण सच में शिव जी ने ही किया था यह जवाब भी The Shiva Project से मिल जाएगा।
बाकी चीजों का आधार और रिजल्ट देखने के बाद हमें यह पता चल गया था कि रामसेतु हो या कर्ण कवच हो या फिर सुदर्शन चक्र हो वो उस समय की टेक्नोलॉजी थी जो आज के टेक्नोलॉजी की को भी मात दे दी थी। आज के टेक्नोलॉजी से हमने उस टेक्नोलॉजी का पता लगाया और इसी तरह से The Shiva Project भी शिव जी के अस्तित्व को सामने लाएगा।
पर दोस्तों इस फायदों के अलावा अगर थोड़ा और दिमाग लगाकर सोचे तो यह होगा कि हम उस समय तक टेक्नोलॉजी में सबसे आगे होंगे। पर कुछ लोग भगवान को ज्यादा मानने लगेंगे और यह बात सही भी होगी। एक तरफ टेक्नोलॉजी होगी और दूसरी तरफ भगवान का अस्तित्व । पर तब यह मायने नहीं रहेगा के टेक्नोलॉजी सबसे बड़ी है या भगवान सबसे बड़े है। हर कोई अपने हिसाब से इसका अंदाजा लगा पाएगा।
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