नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओंकार और मेरे वेबसाइट पर आपका फिर से एक बार स्वागत है। दोस्तों स्पेस के बारे में जानना तो हर कोई चाहता ही है। क्योंकि स्पेस या अंतरिक्ष के ऐसे कई सारे राज होते है। जो सामने आना उन्हें पहचानना और अपनाना भी जरूरी होता है।
ऐसे में स्पेसएक्स के साथ अब Amazon भी स्पेस निशान के रेस में आगे आ रहा है। और स्पेस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कई सारे सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है। दोस्तों इस स्पेस मिशन का मकसद कुछ और भी है। और सोर्सेस या फिर तरीका भी अलग है। तो क्या है वह मिशन और कैसे काम करेगा? इस पर यह पूरा आर्टिकल मैंने आप तक पहुंचाया है।
दोस्तों वैसे तो हर कोई स्पेस में नहीं जा सकता है। क्योंकि उसका खर्चा बहुत ही ज्यादा और प्रोसेस काफी लंबी चौड़ी है। पर स्पेस के बारे में धरती से ही जानने का कुछ अलग ही मजा है। तो दोस्तों हम इस आर्टिकल को आगे बढ़ाते है और देखते है कैसे Amazon स्पेस रेस में आ रहा है।
दोस्तों इसके लिए स्पेस में कई सारे सैटेलाइट को Amazon भेजेगा और यह ज्यादातर इंटरनेट को अच्छा और बेहतर बनाने के लिए होगा। स्पेस मिशन का नाम है Amazon Project Kuiper या फिर Project Kuiper रखा है। यह Project कुछ अलग तरह से काम करेगा।
Amazon का Project Kuiper क्या है?
दोस्तों Amazon Project Kuiper के जरिए लगभग 3200 छोटे-छोटे सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजेगा और यह लगभग 350 से 400 किलोमीटर के इलाके तक ही सीमित होगा। मतलब कि अपने धरती के सतह से लेकर 400 किलोमीटर तक जो भी ऑर्बिट आते है। उसमें ही यह Satellite होंगे। यह लो ऑर्बिट में काम करेंगे यानी कि लगभग 400 किलोमीटर तक ।
इसमें कुछ इस तरह से होगा कि 3,236 satellites को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा एक या दों रॉकेट यान का इस्तेमाल करके। साथ में इसके जरिए छोटे-छोटे सेटेलाइट एक चैन की तरह लॉन्च किए जाएंगे। मतलब की एक के बाद एक इस तरह से यह सेटेलाइट पूरी तरह से धरती को ढक देंगे या फिर एक जाली या नेट की तरह ही होंगे।
यह धरती पर सभी हिस्सों पर नजर रखने का काम करेंगे। तथा एक दूसरे से कनेक्ट होने का भी काम करेंगे ताकि एक दूसरे सेटेलाइट से ना टकराए या फिर इसके जरिए इंटरनेट को बेहतर बनाना तो आसान है। पर कुछ मुश्किलें भी हो सकती है।
Amazon Project Kuiper कैसे काम करेगा?
इस प्रोजेक्ट के जरिए 3200 से ज्यादा सेटेलाइट धरती के अलग-अलग हिस्सों पर नजर रखेंगे तथा कुछ चुनिंदा हिस्सा अपने काम में लेंगे और वहीं पर नेटवर्क को ज्यादा से ज्यादा प्रोवाइड करने की कोशिश करेंगे। इससे 3000 सैटेलाइट को पूरे धरती पर इंटरनेट तथा कम्युनिकेशन पहुंचाने के लिए आसानी होगी और यह काफी तेज होगा क्योंकि सारे के सारे सैटेलाइट एक दूसरे से कनेक्ट होंगे और जहां पर ज्यादा आबादी है वहां पर ज्यादा फोकस करके ज्यादा से ज्यादा नेटवर्क देकर नेटवर्क को तेज करेंगे।
इस प्रोजेक्ट का मकसद एकदम सिंपल है बस आज के मुकाबले लगभग 30% इंटरनेट का स्पीड बढ़ाना इसमें शामिल है। यह कम्युनिकेशन को आसान और बेहतर बनाने के लिए यह एक खास मिशन होने वाला है। इस प्रोजेक्ट को अगले साल यानी कि 2024 के अंत तक लांच करने का प्लान और पूरा जोर है। अमेज़ॅन यूएलए एटलस 5 रॉकेट पर पहला कुइपर उपग्रह लॉन्च करेगा।
Amazon Project Kuiper के मकसद और फायदे
दोस्तों Amazon फाउंडर का मानना यह है। कि amazon Project Kuiper ज्यादातर बेहतर इंटरनेट को प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा और यह तब संभव होगा जब सारे सेटेलाइट एक दूसरे से कनेक्ट होंगे। तथा धरती के चारों ओर नेटवर्क को प्रदान करेंगे यह कुछ इस तरह से काम करेगा कि धरती पर छोटे-छोटे कोने में भी नेटवर्क पहुंचेगा और बेहतर इंटरनेट के लिए आगे बढ़ेगा।
दोस्तों वैसे तो आज अंतरिक्ष कक्षा में अलग-अलग Orbit में कई सारे सेटेलाइट मौजूद है। फिर भी यह Project कहीं ना कहीं धरती को और अपने सैटेलाइट को भी डैमेज कर रहा है। अब इसका नुकसान अगर देखा जाए तो अंतरिक्ष में इसकी वजह से 3200 और भी सैटेलाइट जुड़ जाएंगे और फिलहाल धरती के अलग-अलग ऑर्बिट में लगभग 4800 से अधिक सेटेलाइट स्पेस में मौजूद है।
0 टिप्पणियाँ